वीथिकाएं
संग्रहालय में संग्रहीत एवं प्रदर्शित कलाकृतियों का विवरण:-
क्र0म0 |
संग्रहीत कलाकृतियों का विवरण |
संख्या |
1 |
सिक्के एवं मेडल |
2338 |
2 |
प्रस्तर प्रतिमा |
80 |
3 |
मिश्रित धातु कलाकृतियॉ |
01 |
4 |
मृण मूर्तिया |
152 |
5 |
प्रस्तर अभिलेख |
06 |
6 |
चीनी मिट्टी की कलाकृतिया |
03 |
7 |
मोहरें |
22 |
8 |
मेनुस्क्रिप्ट/फार्मन |
02 |
9 |
पेंटिंग |
02 |
10 |
आभूषण |
02 |
11 |
वस्त्र |
06 |
12 |
आधुनिक टे प्लेट |
02 |
13 |
हाथी दाँत की कलाकृतिया |
03 |
14 |
लकड़ी की कलाकृतिया |
05 |
15 |
धातु ताम्र पट्ट |
04 |
|
योग |
2628 |
क्र0म0 |
संग्रहीत कलाकृतियों का विवरण |
संख्या |
1 |
प्रस्तर |
49 |
2 |
मृण मूर्तियाँ |
29 |
3 |
लकड़ी की कलाकृतियाँ |
04 |
4 |
वस्त्र |
05 |
5 |
धातु |
02 |
6 |
चीनी मिट्टी |
03 |
7 |
मेनुस्क्रिप्ट |
01 |
|
योग |
93 |
संग्रहालय की उत्कृष्ट कलाकृतियों की कम से कम 20 फोटोग्राफ कैप्शन सहित :-
- गणेश (मध्यकाल)
- 92.1.04
- चतुर्भुजी, नृत्य करते हुए परम्परागत आभूषणों युक्त हाथों में कमल, लड्डू, परशु तथा एक हाथ पीछे किए हुए
- बलराम (मुगलकाल)
- 92.11.04
- सिर के ऊपर सर्प फण-9 बायें हाथ में चषक प्याला दाहिना हाथ ऊपर उठा हुआ।
- चतुर्भुजी विष्णु (मध्यकाल लगभग)
- 92.47.04
- आभूषणों सहित, किरीट मुकुट, प्रभामण्डल खंण्डित।
- सूर्य (मध्यकाल)
- 92.52.04
- सूर्य खड़े हुए अवस्था में पत्नियों एवं अनुचरों सहित।
- उमा-महेश्वर (मध्यकाल)
- 92.20.04
- आलिंगन मुद्रा एवं त्रिभंग आकार में अपने पारम्परिक आभूषणों सहित चतुर्भुजी, नन्दी वाहन सहित।
- शिव (पूर्व मध्यकाल)
- 92.40.04
- शिव खड़े हुए एक हाथ में त्रिशूल दूसरे में सर्प नन्दी खण्डित।
- चतुर्भुजी विष्णु (मध्यकाल)
- 92.38.04
- एक हाथ में गदा, दूसरे में चक्र, तीसरे में शंख और चौथा हाथ नीचे काला पत्थर।
- उमा-महेश्वर (मध्यकाल)
- 92.38.04
- आलिंगन मुद्रा में।
- उदीच्च वेषधारी सूर्य (12वीं शती लगभग)
- 92.34.04
- खड़ी प्रतिमा जिसका बायाँ हाथ टूटा है दोनों हाथों में कमल प्रतिमा के पैरों के दाहिने व बायें की ओर उनकी पत्नियाँ अंकित हैं।
- चतुर्भुजी स्थानक विष्णु (मध्यकाल)
- 94.03.04
- नरही, सुलतानपुर।
- ऋषभ तीर्थंकर (मध्यकाल)
- 93.143.04
- देवलपुर, सुलतानपुर।
- आधुनिक कृष्ण
- 92.54.04
- वंशी बजाते हुए काला पत्थर पालिस युक्त।
- श्री कृष्ण (आधुनिक काल)
- 97.29.23
- कलात्मक काष्ठ प्रतिमा बायें पैर पर खड़े, दाहिना पैर आगे की तरफ तिरछा मुड़ा है दोनों हाथ मुरली बादन की मुद्रा में है पारम्परिक आभूषणों, मुकुट एवं माला से युक्त।
- सुश्री राधा (आधुनिक काल)
- 97.30.23
- कलात्मक काष्ठ प्रतिमा आकर्षण मुद्रा में खड़ी देवी सभी प्रकार के आभूषणों से सुसज्जित।
- दो पहियों की भेड़ा गाड़ी पकी मिट्टी (गुप्तकाल)
- 93.61.6
- अभिलिखित ठप्पा लाल पकी मिट्टी (कुषाण काल)
- 92.33.6
- स्त्री आकृति (शुंगकाल)
- 92.86.6
- स्तन से नीचे का भाग टूटा हुआ लाल पकी मिट्टी।
- नारी प्रतिमा मृणमूर्ति
- 91.13.6
- सिर के दोनों तरफ पंख प्रदर्शित है हाथ वक्ष पर स्थित है।
- सील मिट्टी (कुषाणकाल)
- 93.135.6
- गढ़वाल नरेश गोविन्द चन्द्र का स्वर्ण सिक्का
- 92.171.6